हमारे देश में कई न्यायालय हैं जैसे हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट जिसमें जज न्यायालय का एक अहम हिस्सा होता है।

जज न्यायालयों का वह व्यक्ति है जिससे अगर निर्णय लेने में थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो किसी भी निर्दोष व्यक्ति को कड़ी सजा मिल सकती है। 

इसीलिए जज का पद सबसे सम्माननीय और गरिमावान पद है जिसे प्राप्त करना बेहद कठिन है।

अगर सही दिशा में मेहनत और लगन से कार्य किया जाए तो कोई भी व्यक्ति उच्च न्यायालय में जज के तौर पर नियुक्त हो सकता है। 

इसके लिए उम्मीदवार को वकालत की पढ़ाई करनी पड़ती है।

किसी भी न्यायालय में जज बनने के लिए अभ्यार्थी एक भारतीय नागरिक होना चाहिए।

यदि आपका सपना एक न्यायाधीश बनने का है तो आपको वकालत के साथ अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करनी होगी।

जज बनने के लिए आप की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 35 वर्ष तक ही होनी चाहिए, 35 वर्ष से अधिक आयु के अभ्यर्थियों को न्यायाधीश के पद हेतु पात्र नहीं माना जाता है।

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