हमारे देश की तुलना में बाकी देशों में ड्रोन का बहुत उपयोग किया जाता है। क्योंकि हमारे देश में ड्रोन का उपयोग बहुत कम उपयोग होता है।

इसीलिए शायद बहुत से लोगों को DRONE KYA HOTA HAI?  इसके बारे में जानकारी नहीं होती है।

इसका उपयोग ज्यादातर केवल फोटो ग्राफर एरियल व्यू सूट और ट्रैवल ब्लॉगर्स के द्वारा ही किया जाता है।

ड्रोन को भी दो अलग UAV या RPAS नामों से भी जाना जाता है। UAV को “Unmanned aerial Vehicles” कहते है। तथा RPAS की फुल फॉर्म “Remotely Piloted Aerial Systems” होती है।

यदि साधारण शब्दों में कहा जाए तो इसे मानव निर्मित मिनी हेलीकॉप्टर भी कह सकते हैं।

ड्रोन को हवा में उड़ाने के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया जाता है। इस रिमोट को एक सॉफ्टवेयर के जरिए नियंत्रित किया जाता है।

ड्रोन का वजन 150 ग्राम से लेकर 250 ग्राम से भी अधिक होता है। इनके वजन के आधार पर ही इन्हें अलग-अलग प्रकार में बांटा गया है।

ड्रोन का निर्माण इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में हुए डेवलपमेंट के कारण ही संभव हो पाया है।

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