यूपी मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के भूत पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव जी के द्वारा, उत्तर प्रदेश में बढ़ती हुई बेरोज़गारी की समस्या को दूर करने हेतु चलाई गयी एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना थी
जिसका नाम समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना था। वर्ष 2023 में जब राज्य में माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भारतिय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो उन्होंने इसका नाम समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना से बदल कर “यूपी मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना” कर दिया।
यूपी मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना को मात्र 5 साल के लिए ही लागू करने की घोषणा की गयी थी परन्तु फिर कुछ समय के बाद सरकार ने इसकी समय सीमा और बढ़ा दी।
यूपी मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य बेरोज़गारी को समाप्त करना है। उत्तर प्रदेश में इसके लिए मासिक तौर पर बेरोज़गारी भत्ता देने की भी योजना चलाई गयी परन्तु यह बेरोज़गारी की समस्या का स्थायी उपाय नहीं है।
इसका स्थायी उपाय यह है। की बेरोज़गारों को कोई न कोई रोज़गार अवश्य प्रदान किया जाए जिससे वे अपना व अपने परिवार की जिंदगी को सुखमय बनाया जा सके और समाज में एक सम्मानजनक जीवन व्यापन कर सकें।
अब यूपी मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत सरकार बेरोज़गार व्यक्तियों को किसी प्रकार की नौकरी अथवा ट्रेनिंग प्रदान नहीं करेगी, अपितु इसके अंतर्गत सरकार अपना खुद का रोज़गार (स्टार्टअप ) शुरू करने के इच्छुक युवाओं को 25 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
यूपी मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का लाभ कौन कौन उठा सकता है, और इसके लिए आवेदन कैसे करना होगा इन सभी के लिए सरकार ने कुछ नियम व शर्तें भी लागू की हैं।
इस योजना के तहत यदी कोई सामान्य वर्ग यानी की जनरल केटेगरी का व्यक्ति आवेदन करता है। तो उसे काम (प्रोजेक्ट ) शुरू करने में लगने वाली कुल लागत का 10% स्वयं देना होगा और यदी आवेदक अनुसूचित जाति/ जनजाति या अन्य पिछड़े वर्ग से है। अथवा आवेदक कोई महिला अथवा कोई दिव्यांग है। तो उसे अपने प्रोजेक्ट की कुल लगत का मात्र 5% ही देना होगा।
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