यह इनकम टैक्स का ही एक हिस्सा है। इसमें आप इनकम टैक्स अधिक होने पर रिफंड क्लैम कर सकते हैं और इनकम टैक्स कम होने पर एडवांस टैक्स का भुकतान कर सकते हैं।

TDS सरकार द्वारा कई प्रकार के कुछ बिशेष आय के साधनों से बसूला जाता है जैसे- किसी निवेश पर मिलने वाले ब्याज पर , एक निश्चित मासिक वेतन पर तथा किसी प्रकार कमीशन आदि के लिए TDS की कटौती की जाती है।

सरकार द्वारा TDS किसी भी आय स्त्रोत या लेन देन पर लागू नही करती है। जैसा कि अपने किसी भी कंपनी में निवेश किया है और उससे आपको आय प्राप्त होती है तो सरकार द्वारा आपसे किसी भी प्रकार का TDS नही कटा जाएगा।

आपको पता होना चाहिए कि यदि आप एक NRI है तो आपको इस निवेश के लिए TDS देना होगा। यदि किसी व्यक्ति की सैलरी से TDS काटा जाता है तो उसे एक सर्टिफिकेट दिया जाता है

जिसमे यह जानकारी दी होती है कि आपसे कितना TDS लिया गया है और कितना TDS सरकार के लिए जमा किया गया है। इसलिए आपको यह सर्टिफिकेट जरूर प्राप्त करना चाहिए।

TDS सरकार द्वारा बसूला जाने वाला एक इंडरेक्ट टैक्स है जिसकी कटौती का जिम्मा इनकम देने वाली कंपनियों का होता है।

TDS की फुल फॉर्म टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स होती है। TDS को आप इस प्रकार समझ सकते हैं जैसे कि जिस कंपनी में आप नौकरी कर रहे हैं।

उस कंपनी के द्वारा आपकी सैलरी का कुछ भाग TDS के रूप में काट लिया जाता है। आपकी सैलरी से कटे TDS को कंपनी भारत सरकार के खाते में जमा करती है।

टीडीएस कैसे निकालें पूरी जानकारी?के बारे में और जानने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें?