हमारे देश में सबसे अधिक विवाद प्रापर्टी (property) यानी संपत्ति से जुड़े होते हैं। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में आपने संपत्ति के मामले में हर दूसरे आदमी को कोर्ट कचहरी करते देखा होगा

वहीं, शहरों में भू माफिया भी सक्रिय हैं, जो संपत्ति पर गिद्ध दृष्टि रखते हैं। लेकिन आज हम बात प्रापर्टी के ट्रांसफर यानी संपत्ति हस्तांतरण की करेंगे।

दोस्तों, अटेस्टेशन (attestation) को हिंदी में अनुप्रमाणन भी पुकारा जाता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह दस्तावेजों के प्रमाणित किए जाने से संबंधित है। संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम यानी transfer of property act-1882 में इसकी परिभाषा दी गई है।

जिसके अनुसार किसी लिखित दस्तावेज के कथन की प्रमाणिकता के संबंध में दो या अधिक साक्षियों (गवाहों) द्वारा यह प्रमाणित करना कि उसमे लिखित कथन किसके द्वारा लिखे गए व उस पर हस्ताक्षर व चिन्ह किसके हैं। यही अनुप्रमाणन कहलाता है।

आपको बता दें कि अटेस्टेशन का कोई एक तय फार्मेट अथवा प्रारूप नहीं होता। साथ ही अनुप्रमाणन के समय गवाहों का एक ही समय उपस्थित रहना आवश्यक नहीं है।

मित्रों, आपको बता दें कि प्रापर्टी ट्रांसफर के कई तरीके हैं। मसलन, संपत्ति की बिक्री, संपत्ति को गिफ्ट करना, संपत्ति का त्याग करना अथवा वसीयतनामा।

संपत्ति को बेचने के लिए जहां बिक्रीनामा यानी सेल डीड तैयार की जाती है, वहीं प्रापर्टी गिफ्ट करने के लिए गिफ्ट डीड।

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