भारतीय अर्थव्यवस्था की वह बात जो सबसे खास है। वह है यहां की लेबर फोर्स अथवा कामगारों की बड़ी संख्या। इन कामगारों की संख्या का अच्छा खासा हिस्सा अनऑर्गेनाइज़्ड सेक्टर यानि की असंगठित क्षेत्र में काम करता है।
भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण 2007-08 और 2010-11 के अंतर्गत नेशनल सैंपल सर्वे ऑफ़ अनर्गेनाइज़्ड सेक्टर के अनुमान के अनुसार भारत में कामगारों की 90 से 93% तक की संख्या असंगठित क्षेत्र में कार्यरत है।
और भारत की GDP अर्थात सकल घरेलु उत्पाद में इसका हिस्सा 50% से भी अधिक है। इन आंकड़ों से इस बात का अंदाज़ा साफ़ साफ़ लगाया जा सकता है। कि भारत की अर्थव्यवस्था में असंगठित क्षेत्र के कामगारों का कितना बड़ा योगदान है।
इनके योगदान को देखते हुए केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम बजट (बजट 2023 – 21) में तमाम नई लोक लुभावनी योजनाओं की घोषणा और शुरुआत की पेशकश की है।
सरकार ने समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा है। इसी कड़ी में सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों का भी ख्याल रखते हुए उनके लिए वृद्धा पेंशन की तरह ही रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन देने का प्रावधान किया है। इसके लिए जारी की गयी नई योजना का नाम “प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना” है।
इसके अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के कामगारों को 60 साल की उम्र तक प्रतिमाह ₹100 की धनराशि जमा करने पर 60 वर्ष के उपरांत सरकार उस कामगार को ₹3000 प्रतिमाह की मासिक पेंशन प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए आपको बहुत ही मामूली धन राशि को इस स्कीम के अंदर निवेश करना होगा।
असंगठित क्षेत्र के अंतर्गत काम करने वाले ऐसे कामगार जो 18 वर्ष के हैं। उन्हें इस योजना में मात्र ₹ 55 की मामूली सी धनराशि मासिक तौर पर 60 वर्ष की उम्र तक जमा करनी होगी, वहीं अन्य कामगार जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना की अधिक जानकारी के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें?