देश में चल रहे कोरोना काल के कारण काफी लोग अपना रोजगार खोकर गांवों, शहरों में लौट रहे इन श्रमिकों को, मजदूरों को उनके गांव, जिले में ही रोजगार मुहैया कराया जा सके। इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया गया है।

अभियान लॉकडाउन के दौरान घरवापसी करने वाले प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए चलाया गया है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है।

गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ बिहार राज्य के खगड़िया जिले से हुआ है। खास बात यह है कि इस अभियान के तहत श्रमिकों को 125 दिन के लिए रोजगार मुहैया कराया जाएगा।

इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। माना जा रहा है कि इस धनराशि से बड़ी मात्रा में प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा।

इस गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत छह राज्यों के कुल 116 जिलों का चयन किया गया है। इनमें देश के सबसे बड़े राज्य यानी उत्तर प्रदेश के 31, बिहार के 32, मध्य प्रदेश के 24, राजस्थान के 22, झारखंड के तीन और ओडिशा के 4 जिले शामिल हैं।

इस योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी कई योजना को जोड़ा गया है। इसके आधार पर प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा ।

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन के कारण काफी मजदूर है अपने प्रदेश वापसी कर रहे हैं। तो इन प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य में ही रोजगार मिल सके। इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान को शुरू किया गया है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के बारे में ज्यादा जानने के लिए नीचे लिंक पर  क्लिक करें?