यदि आपने बचपन में नागरिक शास्त्र पढ़ा होगा तो संसद, लोकसभा एवं राज्यसभा का नाम अवश्य सुना होगा। अथवा यदि आप 18 वर्ष से अधिक हैं एवं आपके पास वैध वोटर आईडी कार्ड है तो हो सकता है कि आपने लोकसभा चुनाव में मतदान भी किया हो और अपना प्रतिनिधि चुना हो।

यदि आपने बचपन में नागरिक शास्त्र पढ़ा होगा तो संसद, लोकसभा एवं राज्यसभा का नाम अवश्य सुना होगा। अथवा यदि आप 18 वर्ष से अधिक हैं एवं आपके पास वैध वोटर आईडी कार्ड है तो हो सकता है कि आपने लोकसभा चुनाव में मतदान भी किया हो और अपना प्रतिनिधि चुना हो।

राज्यसभा राज्यों की परिषद, जबकि लोकसभा लोगों का सदन कहलाता है। राष्ट्रपति के हाथ में यह शक्ति होती है कि वह संसद के दोनों से किसी भी सदन को बुलाए, स्थगित करे अथवा लोकसभा भंग कर सके। राज्यसभा को संसद का उच्च (higher), जबकि लोकसभा को निचला (lower) सदन माना जाता है।

पहला सत्र 13 मई, 1952 को हुआ। भारतीय संविधान (indian constitution) के अनुच्छेद (section) 80 में राज्यभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है। आपको जानकारी दे दें कि इनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।

ये वे सदस्य होते हैं, जिन्होंने देश में मनोरंजन, संगीत, साहित्य, कला, चिकित्सा, पर्यावरण अथवा किसी अन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। राज्यसभा के 238 सदस्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं। वर्तमान में इसके सभापति एम वेंकैया नायडू हैं।

वर्तमान में राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 245 है। इनमें से 233 सदस्य राज्य एवं संघ शासित दिल्ली एवं पुड्डचेरी के प्रतिनिधि हैं, वहीं, 12 को राष्ट्रपति ने नामांकित किया है। पांच सीटें वर्तमान में रिक्त हैं।

मंत्रिपरिषद में विशेषज्ञों की कमी भी राज्यसभा के चलते पूरी होती है, क्योंकि इसमें राष्ट्रपति द्वारा 12 विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ सदस्य मनोनीत होकर पहुंचते हैं। यह आवश्यक है कि इमरजेंसी लगाने से जुड़े जो भी प्रस्ताव आते हैं, वे राज्यसभा द्वारा भी पारित होने चाहिए।

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