विभिन्न बैंक और वित्तीय संस्थान अलग-अलग ब्याज दरों पर होम लोन मुहैया कराते हैं कई बैंकों की ओर से ब्याज दरों में छूट का भी प्रावधान किया गया है।
आप घर या फ्लैट खरीदने, प्लाट खरीदने, उस पर कंस्ट्रक्शन कराने या घर का रिनोवेशन कराने के लिए होम लोन ले सकते हैं। कई बार होम लोन मकान को बढ़ाने या उसकी मरम्मत यानी रिपेयर करने के लिए भी लिया जाता है।
प्रॉपर्टी वैल्यू का 80 से लेकर 90 प्रतिशत तक घर बनवाने के लिए लोन मिल जाता है। प्रापर्टी की वैल्यू बैंक की ओर से नामित व्यक्ति आकर निकालते हैं।
होम लोन लेने पर आपको मकान या फ्लैट की कीमत का 10 से लेकर 20 प्रतिशत तक डाउन पेमेंट करना पड़ता है।
होम लोन लेने की क्षमता उसे चुकाने की कैपेसिटी पर निर्भर करती है। यह आपकी मासिक कमाई, खर्च और परिजनों की कमाई, संपत्ति, देनदारी, आय में स्थिरता जैसी बातों पर निर्भर करती है।
कई बैंक केवल आवेदक की ही आय का आंकलन नहीं करते, बल्कि होम लोन देने वाले कई बैंक या संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पालिसी, शेयर के कागजात, बैंक डिपाजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं।
अपने बैंक से पर्सनल लोन लेने पर तुरंत भुगतान होता है। नुकसान यह है कि बैंक आपको प्रोसेसिंग फीस के रूप में 2-3 प्रशित तक चार्ज करता है। हालांकि अगर आप बड़ी मात्रा में लोन लेते हैं तो बैंक इस प्रोसेसिंग फीस को माफ भी कर देते हैं।
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