आज की कहानी एक पिता और उसके बेटे की है, एक बाप अपने बेटे के लिए क्या क्या कर सकता है वह इस कहानी से स्पष्ट हो जाएगा

एक बार एक बेटा अपने पिता से लड़ाई करके गुस्से मे घर से बङबङाता हुआ निकला और बस स्टैंड के तरफ जाने लगा वह मन ही मन में बोल रहा था कि पता नहीं कितने पैसे छुपा के रखे हैं लेकिन मेरे लिए एक बाइक नहीं ले सकते।

उसे पैरों मे कुछ चुभने का अहसास हुआ नीचे देखा तो उसने पाया कि जल्दीबाजी मे उसने अपने पापा के जूते पहने हुए हैं। उस जूते मे किल उभरी हुई थी जो बार बार उसके पैरों में घाव किए जा रही थी। लेकिन उस समय गुस्सा ज्यादा था इसीलिए वह आगे बढ़ता चला गया।

जब उसने अपने पापा के पुराने पर्स को खोला तो उसमे पैसे तो नहीं निकले लेकिन पैसों की जगह एक डायरी रखी हुई थी, उसने सोचा कि यहाँ पर खजाना छुपा रखा है जरूर इस डायरी मे लिखा होगा कि किससे कितने पैसे लेने है या फिर किसको कितने पैसे पिताजी ने दिए है।

लेकिन वह गलत था जब उसने उस डायरी को खोला तो पहले पन्ने पर वहा पर जो लिखा था वह थोड़ा अजीब था। डायरी के पहले पन्ने पर जो लिखा था उसे पढ़ने के बाद उसके चेहरे पर जो हाव भाव थे वह गायब हो चुके थेा।

उस सूची मे कंप्यूटर के लिए पैसे लिए हुए थे जो कि इस प्रकार लिखा हुआ था – 50000 बेटे के कंप्यूटर के लिए, वो वही कंप्यूटर था जिसे वह आज तक इस्तेमाल करता आ रहा है, लेकिन उस बेटे को ये नहीं पता था कि उस कंप्यूटर को खरीदने के लिए पैसे कहा से आए थेा। एक अपाहिज लड़की की दर्द भरी कहानीा।

उस डायरी मे कैमरे का भी हिसाब था। उस बेटे को याद था जब उसने पहली बार कैमरे के लिए ज़िद की थी तब उसके पिता ने ठीक दो हफ्ते बाद उसके जन्मदिन पर दिया था जिससे देख कर वह बहुत खुश हुआ और उसे खुश देखकर उससे ज्यादा खुश कोई था तो वह थे उसके पापाा।एक अपाहिज लड़की की दर्द भरी कहानीा।

उसने तुरंत उस जूते को खोला और फेंक दिया, अब वह नंगे पैर ही दौड़े जा रहा था और घर पहुँचा लेकिन उसके पिता उसे घर पर नहीं मिलेा।

एक पिता और पुत्र की दिल छू लेने वाली कहानी अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें?