इस आर्टिकल में आपको दुकान खाली करने के तरीके, मकान खाली कराने के उपाय, दुकान खाली करने के नियम, किरायेदार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले, पुराने किराए के कानूनी नियम, दुकान किराया समझौते नियम आदि की जानकारी मिलेगी।

1. प्रॉपर्टी खाली करने के लिए दबाव बनाएं –

आप किरायेदार पर दबाव बनाइये कि वह आपकी प्रॉपर्टी खाली कर दें। इसके लिए आप पुलिस की सहायता भी ले सकते हैं। साथ-साथ आसपास और पड़ोस के प्रभावशाली लोगों की सहायता भी ली जा सकती है। बेहतर होगा। कि किरायेदार को समझा-बुझाकर प्रॉपर्टी खाली करा ली जाए।

2. किरायेदार को नोटिस भेजे –

ऊपर बताए हुए आधारों में से यदि आपके पास भी कोई आधार है। तो सबसे पहले आप किरायेदार को घर या दुकान खाली करने का नोटिस भेजे।

4. बलपूर्वक प्रॉपर्टी खाली कराये –

भारतीय संविधान की धारा 103 आईपीसी के अनुसार यदि किरायेदार आप की प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लेता है। तो उसे बल का प्रयोग करके प्रॉपर्टी का खाली कराई जा सकती है।

मकान किराया भत्ता क्या है?

ज्यादातर मल्टीनेशनल कंपनी में कार्य करने वाले व्यक्तियों को मिलने वाली सैलरी में एचआरए अर्थात हाउस रेंट अलाउंस भी शामिल होता है। जिन व्यक्तियों के सैलरी में हाउस रेंट अलाउंस शामिल होता है, तो वह आइटीआर फाइल करते समय छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।

दुकान का एग्रीमेंट कितने साल का होता है?

किसी भी प्रॉपर्टी का एग्रीमेंट 11 महीने का ही होता है जिसे हर साल रिनुअल कराना होता है ।

किराया कानून क्या है?

किराएदार एवं मालिकों के हितों की सुरक्षा करने के लिए सरकार द्वारा किराया कानून का निर्माण किया गया है । ताकि किराएदार एवं मालिक को किसी प्रकार के कोई समस्या का सामना ना करना पड़े । और कोई एक दूसरे के हित को अनदेखा ना कर सके ।

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