आप दिल्ली में तहसीलदार कैसे बन सकते हैं। आपको बता दें कि इसके लिए परीक्षा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग (union public service commission) यानी यूपीएससी (UPSC) कराता \केंद्र शासित राज्यों में, जिसे DANICS भी पुकारा जाता है,

तहसीलदार एक तहसील का सबसे बड़ा राजस्व अधिकारी एवं ई मजिस्ट्रेट होता है। वह ग्रेड-2 गजेटेड आफिसर होता है। उसे हिंदी में कार्यपालक दंडाधिकारी भी पुकारा जाता है।

तहसीलदार की परीक्षा आफलाइन (offline) होती है। इसमें दो पेपर आते हैं-पेपर -1 एवं पेपर -2। पेपर हिंदी (Hindi) एवं अंग्रेजी (English) दोनों भाषाओं में सेट किए जाते हैं। इनके लिए 200-200 अंक निर्धारित हैं।

हसीलदार बनने के लिए एक व्यक्ति की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष एवं अधिकतम आयु 40 वर्ष निर्धारित की गई है। साफ है कि यदि कोई व्यक्ति 21 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक आयु का हो चुका है तो वह तहसीलदार नहीं बन सकता।

तहसीलदार बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता ग्रेजुएशन (graduation) निर्धारित की गई है। अभ्यर्थी किसी भी स्थान से यह डिग्री हासिल कर तहसीलदार के लिए आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षा (exam) में शिरकत कर सकता है।

कई स्थानों पर तहसीलदार को तालुकदार कहकर भी पुकारा जाता है। तहसीलदार के कई सहायक अधिकारी होते हैं, इन्हें उप तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार कहकर बुलाया जाता है।

इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग होती है। आपको बता दें दोस्तों कि जनरल स्टडीज -2 का पेपर क्वालिफाइंग पेपर होगा, जिसमें अभ्यर्थी को 33 प्रतिशत अंक लाने आवश्यक होंगे।

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