हमारे देश के राजस्थान जैसे कई राज्यों में बाल विवाह की कुप्रथा अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।

सरकार पूर्व में इस पर रोक लगाने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम भी ला चुकी है, जिसका मकसद बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाना था।

फिर केंद्र सरकार द्वारा संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक-2021 लाया गया है, जिसे प्रतिपक्ष के विरोध के बावजूद पारित होने पर संसदीय स्थाई समिति को संदर्भित किया गया है।

बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक का मकसद धारा 2 (ए) में बच्चे की परिभाषा को एक ऐसी पुरूष अथवा महिला जिसने 21 वर्ष की उम्र पूरी नहीं की हो, का अर्थ प्रदान करने के लिए संशोधन करना है। इस संशोधन के जरिए लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष किया जाना प्रस्तावित है।

बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक-2021 नियम कानून एंव सजा के बारे में और जानकारी पाने के लिए नीचे क्लीक करें -