पिछले साल जून महीने में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने करुणा के कारण निराश्रित हुए बच्चों को आर्थिक सहायता देने के लिए इस योजना की शुरुआत की है। ऐसे में वे बच्चे जिन्होंने कोरोनावायरस के कारण अपने माता पिता को खो दिया है
अगर वो विद्यार्थी हैं पढ़ाई लिखाई करते है तो उनके पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी यहां तक कि सरकार ने यह बात भी कही है कि इन बच्चों में से 2000 बच्चों को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए लैपटॉप दिया जाएगा।
रकार ने बच्चों को लैपटॉप देने के लिए बजट भी तैयार किया है और उनके मुताबिक इतने सारे बच्चों को लैपटॉप देने के लिए करीब 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
जिसे राज्य सरकार 6 महीने के अंदर ही सभी बच्चों को दे देगी। इतना ही नहीं योजना के तहत सरकार ने यह भी कहा है कोविड-19 की वजह से जिन लड़कियों ने अपने माता पिता को खो दिया है उनकी पढ़ाई से लेकर शादी तक का पूरा खर्चा सरकार खुद उठाएगी।
लड़कियों के पढ़ाई लिखाई से लेकर शादी तक के खर्चे जोड़ने पर सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस खर्चे के लिए उन्हें 1,01,000 की धनराशि गरीब लड़कियों को देना होगा। साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि ₹4000 सरकार को देने वाली है वो 3 कस्त में दी जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने पहले ही 11,049 बच्चों का चयन कर लिया है और सरकार इन बच्चों को प्रतिवर्ष ₹12000 से ₹13000 की धनराशि देकर सहायता कर रही हैं। वे बच्चे की नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं वह भी इसका लाभ ले सकते हैं।
कोरोनावायरस महामारी के बाद न जाने कितने ही बच्चो ने अपने माता पिता को खो दिया है जिसके कारण उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है इसीलिए माता-पिता का हाथ सर से उठ जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई खराब ना हो।
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