हमारे देश में वर्षों से गोबर का उपयोग खाद् के रूप में होता रहा है तथा यहां के किसानों द्वारा इसका उपयोग करके अच्छी फसलों का उत्पादन किया गया है।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों से गोबर खाद्य की अपेक्षा कैमिकल खाद का उपयोग किसानों द्वारा अधिक मात्रा में किया जा रहा है।
जिससे गोधन की भी बर्बादी होती है और साथ अधिक मात्रा में कैमिकल खाद का उपयोग करने से खेतों की उत्पादन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
इन्हीं बातों को संज्ञान में रखते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ गोधन योजना को शुरू करने की नीतियों को तैयार किया है।
जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा गोधन की खरीदारी की जायेगी तथा उसका उपयोग करके कम्पोस्ट खाद तैयार की जायेगी।
जिससे प्रदेश के पशुपालकों की आर्थिक स्थिती में सुधार आयेगा तथा किसानों को भी सस्ते दामों पर कम्पोस्ट खाद मिल सकेगी तथा उनके उनकी उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी।
इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 2 रुपये प्रति किलों के हिसाब से गोबर की खरीदारी की जायेगी।
गोधन के योजना के अंतर्गत गोधन की खरीदारी दो चरणों में की जायेगी। जिसमें पहले चरण राज्य की 2240 गोशालाओं को योजना से जोड़ा जायेगा और कुछ समय पश्चात 2800 गठानों का निर्माण किया जायेगा। जिसके बाद दूसरे चरण में गोधन की खरीदारी की जायेगी।
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