यदि आपका भी बैंक में खाता है तो आपको कभी न कभी किसी तरह की शिकायत अवश्य रही होगी, जैसे कभी किसी चेक (cheque) अथवा ड्राफ्ट (draft) के भुगतान में देरी हुई होगी
अथवा किसी सुविधा के लिए अधिक चार्ज काट लिया गया होगा। जी हां, बैंकों में अक्सर कर्मचारियों का ग्राहकों के प्रति रूखा व्यवहार भी देखने को मिलता है।
यदि उनके सामने अपनी बात रखी जाए तो कभी वे सुनकर अनसुना कर देते हैं तो कभी चक्कर कटवाते हैं। ये सारी बातें बैंकिंग सेवाओं में कमी के रूप में दर्ज की जाती हैं।
बैंक के ग्राहक ऐसे मामलों में शिकायत भी कर सकते हैं, जिसके लिए बैंकिंग लोकपाल (banking ombudsman) का प्रावधान किया गया है।
ब केंद्र सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुए आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ किया है, ताकि देश के लोगों की बैंकिंग सेवाओं में कमी से जुड़ी शिकायतों का निराकरण त्वरित हो सके।
दोस्तों, इससे पूर्व कि हम आपको बताएं कि आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना-2023 क्या है? आइए, पहले जान लेते हैं कि बैंकिंग लोकपाल (banking ombudsman) कौन होता है।
जान लीजिए कि बैंकिंग लोकपाल वह व्यक्ति है, जो बैंकिंग सेवाओं (banking services) में कमियों के संबंध में ग्राहकों की ओर से दर्ज की जाने वाली शिकायतों का समाधान करता है।
यदि बैंक अथवा ग्राहक दोनों पक्षों में से कोई भी बैंकिंग लोकपाल की ओर से दिए गए निवारण से संतुष्ट नहीं है तो वह अपील (appeal) कर सकता है।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया (reserve Bank of India) यानी आरबीआई (RBI) की ओर से इस संबंध में अपीलीय अधिकारी भी नियुक्त किया जाता है।
जैसा कि हमने आपको बताया कि यह योजना एक राष्ट्र-एक लोकपाल की अवधारणा पर आधारित है। लोग देश भर में स्थित किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान की आरबीआई नियंत्रित लोकपाल से शिकायत कर सकेंगे।
अन्य शब्दों में कहें तो इस योजना के तहत एक पोर्टल, एक ईमेल एवं एक ही पता होगा, जहां ग्राहक बैंक, एनबीएफसी आदि के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
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